खाने में फाइबर की इस खूबी पर डब्‍ल्‍यूएचओ की मुहर

खाने में फाइबर की इस खूबी पर डब्‍ल्‍यूएचओ की मुहर

सुमन कुमार

भोजन का कम से कम 50 फीसदी हिस्‍सा फाइबर से भरपूर फलों और सब्जियों वाला होना चाहिए

कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा की तरह फाइबर भी हमारे शरीर के लिए महत्‍वपूर्ण है ये तो सभी जानते हैं और खाने में इसकी पर्याप्‍त मात्रा लेने की वकालत लंबे समय से चिकित्‍सक और आहार विशेषज्ञ करते रहे हैं मगर इसकी एक खूबी पर अब विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने भी मुहर लगा दी है।

अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्‍ल्‍यूएचओ) द्वारा किए गए एक अध्ययन से मिले पुख्ता सबूत ये दावा करते हैं कि फाइबर और साबुत अथवा चोकर युक्‍त अनाज से बने भोजन का सेवन हृदय रोग जैसे गैर संक्रामक रोगों (एनसीडी) के जोखिम को कम कर सकता है। दुनिया की जानी मानी स्‍वास्‍थ्‍य पत्रिका ‘द लैंसेट’ में प्रकाशित इस शोध के अनुसार फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ से कोरोनरी हृदय रोग, स्ट्रोक, टाइप 2 मधुमेह और कोलोरेक्टल कैंसर की घटनाओं में 16% से 24% तक कमी आती है। जो लोग फाइबर कम सेवन करते हैं उनके मुकाबले ज्‍यादा फाइबर सेवन करने वाले लोगों का वजन, ऊपरी रक्‍तचाप और टोटल कोलेस्‍ट्रोल भी ज्‍यादा बेहतर स्थिति में होता है।

एक स्‍वस्‍थ व्‍यक्ति के लिए प्रतिदिन फाइबर की अनुशंसित मात्रा 25 ग्राम है। इसी प्रकार एक स्वस्थ आहार वह होता है जिसमें लगभग आधा फल और सब्जियां (45% से 50%) और चौथाई हिस्‍सा अनाज हो। एक स्‍वस्‍थ व्यक्ति को कार्बोहाइड्रेट से 55% से 60%, वसा और तेल से 25% से 30% और प्रोटीन से 10% से 15% ऊर्जा प्राप्त होनी चाहिए।

इस बारे में हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्‍यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने सेहतराग से कहा, उच्‍च फाइबर वाले आहार का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। इसका अर्थ ये है कि इस तरह का आहार लेने पर शरीर में शुगर बहुत धीरे-धीरे रक्‍त में पहुंचता है और इसके कारण ब्‍लड शुगर में तेज वृद्धि नहीं हो पाती है। फाइबर पौधों से मिलने वाला तत्‍व है जो स्वस्थ आहार के लिए आवश्यक है। हृदय रोग के जोखिम को कम करने, पाचन में सुधार, कब्ज को रोकने और वजन को सही स्‍तर तक बनाए रखने में मदद करने के लिए रोजाना बहुत सारे फाइबर की आवश्यकता होती है। फल, साबुत अनाज और सब्जियों में फाइबर पाया जाता है। अधिकांश वयस्कों को हर दिन कम से कम 20 से 35 ग्राम फाइबर का सेवन करना चाहिए।

 

फाइबर के औसत 10-ग्राम रोजाना सेवन करने से उच्‍च रक्‍तचाप में औसतन 1.2 / 1.3 mmHg की गिरावट आती है। कुछ घुलनशील फाइबर खराब माने जाने वाले एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं। घुलनशील फाइबर में हर ग्राम की वृद्धि एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को 2.2 मिलीग्राम / डीएल के औसत से कम करती है।

डॉ. अग्रवाल के अनुसार ओट्स में आपको घुलनशील फाइबर मिलता है। अधिक घुलनशील फाइबर पाने के लिए उसमें एक केला या कुछ स्ट्रॉबेरी मिलाएं। इसी प्रकार बीन्स घुलनशील फाइबर से भी भरपूर होते हैं। वे पचने में थोड़ा समय लेते हैं, जिसका अर्थ है कि आप भोजन के बाद अधिक समय तक पेट भरा हुआ महसूस करते हैं। बादाम, अखरोट, मूंगफली और अन्य नट्स खाना भी दिल के लिए अच्छा है।

 

कुछ सुझाव

• कम खाएं और धीरे-धीरे खाकर अपने भोजन का आनंद लें

• अपनी प्लेट में फल और सब्जियों की मात्रा बढ़ाएं।

• बहुत अधिक खाने से बचें, जिससे वजन बढ़ सकता है।

• आपके अनाज वाले हिस्‍से का कम से कम आधा हिस्‍सा चोकर वाला अनाज होना चाहिए।

• ट्रांस फैट और चीनी का सेवन घटाएं।

• हेल्‍दी फैट चुनें। फैट रहित या कम फैट वाले दूध या डेयरी उत्पादों का उपयोग करें।

• खूब पानी पिएं। चीनी वाले शीतल पेय से बचें।

• ऐसे खाद्य पदार्थों से बचें जिनमें सोडियम यानी नमक ज्‍यादा हो जैसे स्नैक्स, प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ।

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